तजुर्बा .....
...... तजुर्बा .....
एक बार एक बिल्ली भूखी प्यासी पेड़ के नीचे बैठी हुई थी.
उधर से एक बंदर आया और बोला क्या हुआ बिल्ली बहन लगता है,.काफी वक्त से कुछ खाने को नहीं मिला तभी भूख से निढाल हो रही हो .
बिल्ली भूखी होने की वजह से बंदर पर चढ़ गई.और बोली तुम्हे क्या पता हमें भोजन प्राप्त करने के लिए कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
तुम्हारी तरह आसानी से भोजन नही मिल जाता.
बंदर बिल्ली की बात सुन कर बोल पड़ा ,
क्या,तुम्हे लगता है.हमे भोजन बहुत आसानी से मिल जाता है .
हमे भोजन प्राप्त करने के लिए मेहनत नही करनी पड़ती है.
बिल्ली बोली हां, नहीं करनी पड़ती ,
बंदर बोला तुम से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है हमे .
दोनो का इसी बात पर झगड़ा हो गया.दोनो को लड़ता देख लोमड़ी बोली क्या हुआ क्यों लड़ रहे हो .
बंदर बोला इसे लगता है.हमे भोजन बहुत आसानी से मिल जाता है.हमे कोई मेहनत नही करनी पड़ती.
बिल्ली बोली हां तो सही तो कह रही हु.लोमड़ी बोली अच्छा तुम लड़ो मत.
तुम दोनो को अपना अपना काम मुश्किल लगता है .
ऐसा करो आज का खाना तुम बंदर के लिए लाओ और बंदर तुम्हारे लिए लायेगा .
फिर पता चलेगा किस का काम मुश्किल हैं.और किस का आसान
बिल्ली बंदर के लिए और बंदर बिल्ली के लिए खाना लेने चला गया .
बिल्ली रास्ते में सोच रही थी , आज बंदर कों पता चलेगा कितनी मुश्किल सें हमे भोजन मिलता हैं.
बंदर सोच रहा था , आज बिल्ली को पता चलेगा किस का काम मुश्किल है.
बिल्ली के लिए खाना लेकर मैं बिल्ली से पहले पहुंच जाऊंगा .
दोनो अपने अपने काम को बड़ा समझ रहे थे .
बिल्ली सारा दिन घूमी मगर उसे खाने को कुछ नहीं मिला .
जहा जाती लोग डंडा लिए बैठे होते बिल्ली को देखते ही फ़ौरन डंडा उठा लेते .
उधर बंदर बहुत परेशान था.उसे कुछ नहीं मिल पाया था .
सारा दिन चल चल कर लोगो से मार खा खा कर थक चुका था.
बिल्ली हार खा कर छत पर जाकर बैठ गई उस ने देखा छत पर पापड़ सूख रहे हैं.
बिल्ली पापड़ देख कर खुशी से झूम उठी और बिना इधर उधर देखे पापड़ उठाने लगी .
पीछे से किसी ने बिल्ली की टांग पर डंडा मार दिया .
बिल्ली जोर से चिल्लाई और जान बचा कर वहा से भाग गई .
बंदर ने देखा एक होटल में भगोने ने दूध रखा हुआ है .
बंदर दूध देख कर बहुत खुश हुआ बंदर ने जैसे ही भगोने को हाथ लगाया भगोना बहुत गर्म था .भगोने का सारा दूध बंदर पर लौट गया बंदर ने देखा ही नही भगोने के नीचे आग जल रही है.
बंदर चीखता चिल्लाता जंगल की तरफ भाग आया .
बंदर और बिल्ली दोनो अब ये जान गए थे.के किसी का काम छोटा नही है .
लोमड़ी बोली देखा अब समझ आया किस का काम छोटा है किस का बड़ा.
लोमड़ी बोली मेरे बच्चो जिस का काम होता है.उसी को सांझता है
और बिना तजुर्बा जो काम किया जाता है. उस सें भारी नुकसान उठाना पड़ता है...
Writter....fiza tanvi ✒️
Gunjan Kamal
20-Jan-2023 04:13 PM
शानदार
Reply
सीताराम साहू 'निर्मल'
17-Jan-2023 11:22 PM
बहुत ही सुन्दर
Reply